Kahin Toh.....(Jaane Tu Ya Jaane Na)

कहीं तो होगी वो दुनिया जहाँ तू मेरे साथ है
जहाँ  मैं , जहाँ तू ,और जहाँ ,बस तेरे मेरे जज़्बात है
होगी जहाँ सुबह तेरी ,पलकों की , किरणों में ,
लोरी जहाँ चाँद की ,सुने  तेरी बाहों में
जाने ना कहाँ वो दुनिया है ,
जाने ना  वो है भी या नहीं ,
जहाँ मेरी ज़िन्दगी मुझसे ,
इतनी खफा नहीं 
सासें खो गयी है किसकी आहों में ,
मैं खो गयी हु जाने किसकी बाहों में ,
मंजिलों से राहें ढून्दती चली ,
खोगयी है मंजिल कहीं राहों में
कहीं तो, कहीं तो ,है नशा
तेरी मेरी हर मुलाक़ात में ,
होटों से , होटों  को ,
चूमती ,रहते है हम हर बात पे ,
कहेती है फिजा जहाँ ,
तेरी ज़मीं आसमान
जहाँ है तू , मेरी हसी ,
मेरी ख़ुशी , मेरी जान

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