कहीं तो होगी वो दुनिया जहाँ तू मेरे साथ है
जहाँ मैं , जहाँ तू ,और जहाँ ,बस तेरे मेरे जज़्बात है
होगी जहाँ सुबह तेरी ,पलकों की , किरणों में ,
लोरी जहाँ चाँद की ,सुने तेरी बाहों में
होगी जहाँ सुबह तेरी ,पलकों की , किरणों में ,
लोरी जहाँ चाँद की ,सुने तेरी बाहों में
जाने ना कहाँ वो दुनिया है ,
जाने ना वो है भी या नहीं ,
जहाँ मेरी ज़िन्दगी मुझसे ,
इतनी खफा नहीं
जाने ना वो है भी या नहीं ,
जहाँ मेरी ज़िन्दगी मुझसे ,
इतनी खफा नहीं
सासें खो गयी है किसकी आहों में ,
मैं खो गयी हु जाने किसकी बाहों में ,
मंजिलों से राहें ढून्दती चली ,
खोगयी है मंजिल कहीं राहों में
मैं खो गयी हु जाने किसकी बाहों में ,
मंजिलों से राहें ढून्दती चली ,
खोगयी है मंजिल कहीं राहों में
कहीं तो, कहीं तो ,है नशा
तेरी मेरी हर मुलाक़ात में ,
होटों से , होटों को ,
चूमती ,रहते है हम हर बात पे ,
कहेती है फिजा जहाँ ,
तेरी ज़मीं आसमान
तेरी मेरी हर मुलाक़ात में ,
होटों से , होटों को ,
चूमती ,रहते है हम हर बात पे ,
कहेती है फिजा जहाँ ,
तेरी ज़मीं आसमान
जहाँ है तू , मेरी हसी ,
मेरी ख़ुशी , मेरी जान
मेरी ख़ुशी , मेरी जान